इसका मुख्य कारण था भारत सरकार के, सभी गाड़ियों के लिए BS6 प्रदूषण नियंत्रण के कड़े नियम और दूसरा, कोविड-19 महामारी। इन दोनों की वजहों से, मौजूदा बाज़ार परिस्थितियाँ खराब हुई और BS4 गाड़ियों की बहुत बड़ी इन्वेंट्री बिक नहीं पाई। इसकी वजह से उद्योग को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। इसके साथ ही कोरोना महामारी की वजह से लगाए हुए लॉकडाउन और लोगों की छूटती नौकरियों की वजह ने भी नयी गाड़ियों की डिमांड को पूरी तरह से खत्म कर दिया। इस तरह आपको समझ आ गया होगा कि कैसे बाज़ार की परिस्थितियों का असर कंपनी के मूल्यांकन पर पड़ा।
वार्षिक रिपोर्ट: यह किसी कंपनी के मूल्यांकन को कैसे प्रभावित करती है
कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट कंपनी से जुड़े आंतरिक कारकों की जानकारी देती है। लेकिन सिर्फ यही कारक कंपनी के मूल्य को प्रभावित नहीं करते। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट और आंतरिक पहलुओं के बाहर भी एक दुनिया है, या यूँ कहें, कि इनके अलावा भी कई अहम कारक हैं। और इस अध्याय में हम उन्ही के बारे में पढ़ेंगे। हम बहुत से बाहरी कारकों के बारे में ध्यान से पढ़ेंगे और ये समझने की कोशिश करेंगे कि वे कंपनी के मूल्यांकन को कैसे प्रभावित करते हैं। तो चलिए, शुरू करते हैं।
बाज़ार की मौजूदा परिस्थियाँ
कंपनी जिस उद्योग के अंतर्गत काम करती है, उस उद्योग की बाज़ार परिस्थितियों का कंपनी के मूल्यांकन पर गहरा असर पड़ता है। बाज़ार की मौजूदा परिस्थितियों या करेंट मार्केट सिनारियो, में बहुत सारे कारक शामिल होते हैं, जैसे उद्योग की मांग ,बाज़ार का साइज़, उद्योग को नियंत्रित करने वाली नीतियाँ, और व्यापक ग्लोबल परिस्थितियाँ। चलिए एक-एक कर, इन कारकों के बारे में जानते हैं।
उद्योग की मांग
अगर एक कंपनी किसी ऐसे उद्योग के अंतर्गत काम करती है जो अभी ट्रेंड में चल रहा है या आमतौर पर बाज़ार में जिसकी डिमांड बनी मौलिक विश्लेषण के घटक रहती है, तो उसका मूल्यांकन, किसी दूसरे उद्योग के अंतर्गत काम कर रही, उसी साइज़ की, बाकी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उस कंपनी को उद्योग के प्रोडक्ट की बढ़ती डिमांड और उस उद्योग में बढ़ते निवेश का फायदा मिलता है।
उद्योग में होने वाली अप्रत्याशित घटनाएँ
आमतौर पर, निवेशक अनिश्चित और अप्रत्याशित घटनाओं को पसंद नहीं करते है। इस तरह की घटनाएँ व्यवसाय को पटरी से उतार देती हैं और इससे बिज़नेस को नुकसान पहुँचता मौलिक विश्लेषण के घटक है, और इसी वजह से कंपनी का मूल्यांकन कम होता है। लेकिन यह भी सही नहीं है कि सभी अकस्मात घटनाओं से मूल्यांकन में हमेशा कमी ही आती है। एक सिक्के मौलिक विश्लेषण के घटक के दो पहलू होते हैं, जिस घटना से किसी इंडस्ट्री को नुकसान होता है वही घटना किसी दूसरी इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद हो सकती है।
उदाहरण के लिए हम एयरलाइन इंडस्ट्री और मेडिकल इंडस्ट्री को लेते है। कोरोना महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन में, सभी एयरलाइनों की सभी उड़ानों पर अनिवार्य रूप से पहले हफ्तों और फिर महीनों के लिए रोक लगा दी मौलिक विश्लेषण के घटक गयी। इससे सभी एयरलाइंस को बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि उन्हें तो अभी भी कर्मचारियों को सैलरी , हवाई जहाज़ों की लीज़, और हैंगर किराए जैसी स्थायी खर्च का भुगतान तो करना ही पड़ रहा है। ज़्यादातर एयरलाइंस ने अपने कई कर्मचरियों को कंपनी से निकाला है ताकि उनके खर्चों में कमी आ सके। इस अकेली अकस्मात घटना की वजह से एयरलाइन कंपनी के मूल्यांकन में बहुत ज्यादा गिरावट आई है।
नए प्रतियोगियों का मार्केट में आना
एक और कारक जो किसी कंपनी की वैल्यूशन को प्रभावित करता है, वह है नए प्रतियोगियों का बाज़ार में आना। आमतौर पर, नए प्रतियोगियों के पास कुछ अहम फायदे तो होते ही है। उनके पास इंडस्ट्री और उपभोक्ताओं का अच्छे से विश्लेषण करने का समय होता है। इसीलिए जब वह अपना बिज़नेस शुरू करते हैं तो वह सभी कारकों को ध्यान में रखकर बिलकुल सही तरीके से शुरुआत करते हैं। और जब भी कोई नया प्रतियोगी बाज़ार में कदम रखता है तो उसके पास लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का फायदा भी होता है जो उन्हें मौजूदा खिलाड़ियों की तुलना में ज्यादा अच्छे तरीके से काम करने में मदद करता है।
उदाहरण के लिए रिलायंस जियो लिमिटेड को लेते हैं, टेलिकॉम सेक्टर में उन्होंने बहुत देरी से एंट्री ली थी। पर फिर भी, अगर हम एक्टिव यूज़र-बेस को आधार रखकर देखें, तो वह पिछले कुछ ही वर्षो मौलिक विश्लेषण के घटक में नंबर एक पर पहुँच गई है। अच्छी खासी पूंजी वाले जियो ने, टेलीकॉम सेक्टर में काफी कम लागत वाली स्कीमों साथ-साथ, अत्याधुनिक 4जी टेक्नोलॉजी को लॉन्च किया जिससे उनका कस्टमर बेस और मज़बूत हो गया।
मौलिक विश्लेषण - बिस्मथ (द्वि)
बिस्मथ एक संक्रमणोत्तर धातु है। संक्रमण धातु, तत्वों का सबसे बड़ा समूह जिसमें तांबा, सीसा, लोहा, जस्ता और सोना शामिल हैं, उच्च गलनांक और क्वथनांक के साथ बहुत कठोर होते हैं। संक्रमण के बाद की धातुएं संक्रमण धातुओं के कुछ गुणों को साझा करती हैं लेकिन नरम होती हैं और कमजोर काम करती हैं। धातु के लिए बिस्मथ की विद्युत और तापीय चालकता असामान्य रूप से कम है। इसमें विशेष रूप से कम गलनांक भी होता है, जो इसे मोल्ड्स, फायर डिटेक्टर और अग्निशामक यंत्रों के लिए उपयोग की जाने वाली मिश्र धातु बनाने की अनुमति देता है।
प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला बिस्मथ पृथ्वी की पपड़ी में शुद्ध धातु के रूप में और विभिन्न यौगिकों में कम मात्रा में पाया जाता है। आज, बिस्मथ को शोधन सीसा, तांबा, टिन, चांदी और सोने के अयस्कों में उप-उत्पाद के रूप में प्राप्त किया जाता है।
मौलिक विश्लेषण - Fundamental Analysis
एक देश या क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के विदेशी मुद्रा विश्लेषण के लिए मौलिक विश्लेषण के साथ ही विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं के तुलनात्मक विश्लेषणा यह शक्ति या कमजोरी, बल्कि राजनीतिक कारकों, कुल मिलाकर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर और साथ ही सवाल में विशिष्ट अर्थव्यवस्थाओं की बुनियादी बातों पर एक प्रभाव हो सकता है, जो प्राकृतिक आपदाओं और सब कुछ गेज करने के लिए खाते में मौजूदा आर्थिक संकेतक लेता ही नहीं है। विदेशी मुद्रा बाजार बहुत गतिशील बाजार बदल रहा है और अक्सर कीमत कार्रवाई काफी अस्थिर कर रहे हैं. तकनीकी विश्लेषण छोटी अवधि के सौदों के लिए मदद करता है, लेकिन कुल मिलाकर लंबी अवधि की चाल चिंतित अर्थव्यवस्थाओं की बुनियादी बातों से निर्धारित होते हैं.
विदेशी मुद्रा मौलिक विश्लेषण कैनवास की तरह है और तकनीकी विश्लेषण उस पर रंग है. यहां तक कि हम तकनीकी संकेतक या शुद्ध कीमत कार्रवाई पर हमारे व्यापार पदों का आधार है, लेकिन हम उन लोगों में बुनियादी बातों और किसी भी अचानक परिवर्तन की अनदेखी नहीं कर सकते हैं.
तकनीकी विश्लेषण क्या है वर्णन करें?
इसे सुनेंरोकेंतकनीकी विश्लेषण अथवा टेक्निकल एनालिसिस (अंग्रेज़ी: Technical analysis,) विभिन्न प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) (जैसे शेयर आदि) का विश्लेषण करने की विधा है। इसकी सहायता से भविष्य में इनके मूल्यों के बढ़ने-घटने के बारे में अनुमान लगाया जाता है।
आधारभूत विश्लेषण से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंआधारभूत विश्लेषण आर्थिक और वित्तीय घटकों के माध्यम से किसी परिसंपत्ति के आंतरिक मूल्य को खोजने का एक तरीका है। कई कारक हैं जिन्हें मौलिक विश्लेषक ध्यान देते हैं, जिसमें अर्थव्यवस्था और उद्योग की स्थिति सहित समष्टि अर्थव्यवस्था और साथ ही साथ कंपनी प्रबंधन संरचनाओं और दर्शन जैसे सूक्ष्म कारकों में भी ध्यान दिया जाता है।
मौलिक विश्लेषण और तकनीकी विश्लेषण क्या है?
इसे सुनेंरोकेंमौलिक विश्लेषण आमतौर पर एक दीर्घकालिक स्थिति व्यापारी के लिए सिफारिश की जाती है, जबकि तकनीकी विश्लेषण स्विंग व्यापारी या मौलिक विश्लेषण के घटक अल्पकालिक व्यापारी के लिए उपयुक्त है। जबकि तकनीकी विश्लेषण केवल पिछले आंकड़ों का विश्लेषण करता है, मौलिक विश्लेषण अतीत और भविष्य के विकास की संभावनाओं दोनों पर केंद्रित है ।
तकनीकी विश्लेषण डाउ सिद्धांत की व्याख्या क्या है?
इसे सुनेंरोकेंस्टॉक-मूल्य गतिविधि पर डाउ सिद्धांत एक तकनीकी विश्लेषण है जिसमें सेक्टर रोटेशन के कुछ पहलु शामिल हैं। इस सिद्धांत को चार्ल्स एच. डाउ (1851-1902) द्वारा लिखित वॉल स्ट्रीट जर्नल के 255 संपादकीय से निकाला गया था, वे वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार, संस्थापक और प्रथम सम्पादक थे और डाउ जोन्स एंड कंपनी के सह-संस्थापक थे।
वित्तीय विश्लेषण से क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंवित्तीय विश्लेषण एक फ़र्म की वित्तीय सुदृढ़ता एवं कमजोरियों को पहचानने का एक प्रक्रम है, जिसमें तुलन-पत्र तथा लाभ व हानि विवरण की मदों के बीच उचित संबंधों को देखा जाता है। एक वित्त प्रबंधक को निश्चित रूप से विश्लेषण के विभिन्न साधनों से सुसज्जित होना चाहिए ताकि फ़र्म के लिए विवेकपूर्ण निर्णय लिए जा सकें।
इसे सुनेंरोकेंतकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है शेयर के भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके भविष्य के उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना। तकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है शेयर के भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके भविष्य के उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना। यह समझना जरूरी है कि तकनीकी विश्लेषण पूरी तरह से शेयर की कीमतों पर आधारित होता है।
स्टॉक का तकनीकी विश्लेषण कैसे करें?
भारतीय वित्तीय प्रणाली के घटक
वित्तीय प्रणाली उस प्रणाली को कहते हैं जिसमें मुद्रा और वित्तीय परिसंपत्तियों का प्रवाह बचत करने वालों से निवेश करने वालों की तरफ होता है | वित्तीय प्रणाली के मुख्य घटक हैं : मुद्रा बाजार, पूंजी बाजार, विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार, बैंक, सेबी और RBI हैं | ये वित्तीय घटक बचत कर्ता और निबेशकों के बीच एक कड़ी या मौलिक विश्लेषण के घटक मध्यस्थ का कार्य करते हैं |
वित्तीय प्रणाली से आशय संस्थाओं (institutions), घटकों (instruments) तथा बाजारों के एक सेट से हैI ये सभी एक साथ मिलकर अर्थव्यवस्था में बचतों को बढाकर उनके कुशलतम निवेश को बढ़ावा देते हैं I इस प्रकार ये सब मिलकर पूरी अर्थव्यवस्था में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाते है I इस प्रणाली में मुद्रा और वित्तीय परिसंपत्तियों का प्रवाह बचत करने वालों से निवेश करने वालों की तरफ होता हैI वित्तीय प्रणाली के मुख्य घटक हैं: मुद्रा बाजार, पूंजी बाजार, विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार, बैंक, सेबी और RBI हैं I ये वित्तीय घटक बचत कर्ता और निबेशकों के बीच एक कड़ी या मध्यस्थ का कार्य करते हैं I
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