लेखांकन का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions of Accounting)
लेखांकन का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions of Accounting) : आधुनिक युग में व्यवसाय के आकार में वृद्धि के साथ-साथ व्यवसाय की जटिलताओं में भी वृद्धि हुई है। व्यवसाय का सम्बन्ध अनेक ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं तथा कर्मचारियों से रहता है और इसलिए व्यावसायिक जगत में सैकड़ों, हजारों या लाखों लेन-देन हुआ करते हैं। सभी लेन-देनों को मौखिक रूप से याद रखना कठिन व असम्भव है।
हम व्यवसाय का लाभ जानना चाहते हैं और यह भी जानना चाहते हैं कि उसकी सम्पत्तियाँ कितनी हैं, उसकी देनदारियाँ या देयताएँ (Liabilities) कितनी हैं, उसकी पूँजी कितनी है, आदि-आदि। इन समस्त बातों की जानकारी के लिए लेखांकन (Accounting) की आवश्यकता पड़ती है।
लेखांकन का अर्थ
अर्थ (Meaning) – सरल शब्दों में, लेखांकन का आशय वित्तीय स्वभाव के सौदों (या लेन-देनों) को क्रमबद्ध रूप में लेखाबद्ध करने, उनका वर्गीकरण करने, सारांश तैयार करने एवं उनको इस प्रकार प्रस्तुत करने से है जिससे उनका विश्लेषण (Analysis) व निर्वचन (Interpretation) हो सके। लेखांकन में सारांश का अर्थ तलपट (Trial Balance) बनाने से है और विश्लेषण व निर्वचन का आधार अन्तिम खाते (Final Accounts) होते हैं जिनके अन्तर्गत व्यापार खाता, लाभ-हानि खाता तथा चिट्ठा/स्थिति-विवरण या तुलन-पत्र (Balance Sheet) तैयार किए जाते हैं।
लेखांकन की परिभाषाएँ
परिभाषाएँ (Definitions) – अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटेंट्स (AICPA) ने 1961 में लेखांकन की परिभाषा आधारभूत विश्लेषण क्या है निम्न प्रकार दी थी:
“लेखांकन सौदों एवं घटनाओं को, जो आंशिक रूप में अथवा कम-से-कम वित्तीय प्रवृत्ति के होते हैं, प्रभावपूर्ण विधि से एवं मौद्रिक रूप में लिखने, वर्गीकृत करने और सारांश में व्यक्त करने तथा उनके परिणामों की व्याख्या करने की कला है।”
“Accounting is the art of recording, classifying and summarizing in a significant manner and in terms of money transactions and events which are, in part or at least of a financial character and interpreting the results thereof.” -AICPA
इस परिभाषा में लेखांकन के कार्य-क्षेत्र पर पूर्ण प्रकाश डाला गया है, इसमें केवल लेखे तैयार करना ही लेखांकन का कार्य नहीं माना गया वरन् लेखों का श्रेणीयन, विश्लेषण एवं व्याख्या पर भी बल दिया गया है। इस परिभाषा में लेखांकन से प्राप्त होने वाले सभी लाभों की स्पष्ट झलक मिलती है।
अमेरिकन एकाउंटिंग प्रिन्सिपल्स बोर्ड (AAPB) ने लेखांकन की परिभाषा निम्न शब्दों में दी है:
“Accounting is a service activity. Its function is to provide quantitative information, primarily financial in nature, about economic entities that is useful in making economic decisions, in making reasoned choices among alternative course of action.” -AAPB
इस परिभाषा के अनुसार लेखांकन एक सेवा क्रियाकलाप है। इसका कार्य आर्थिक इकाइयों के सम्बन्ध में परिमाणात्मक सूचनाएँ, मुख्यत: वित्तीय प्रकृति की, जो आर्थिक निर्णयों व वैकल्पिक उपायों में से सुविचारित चयन के लिए उपयोगी हैं, प्रदान करना है।
Previous : लेखांकन का उदगम एवं विकास
स्मिथ एवं एशबर्न के अनुसार, “लेखांकन मुख्यतः वित्तीय स्वभाव वाले व्यावसायिक व्यवहारों और घटनाओं के लिखने एवं वर्गीकरण करने का विज्ञान है और इन व्यवहारों व घटनाओं का महत्वपूर्ण सारांश बनाने, विश्लेषण करने, उनकी व्याख्या और परिणामों को उन व्यक्तियों को प्रेरित करने की कला है जिन्हें उनके आधार पर निर्णय लेने हैं।”
“Accounting is the science of recording and classifying business transactions and events, primarily of a financial character and the art of making significant summaries, analysis and interpretation of these transactions and events and communicating the results to persons who must make decisions or form judgements.” – Smith & Ashburne
इस परिभाषा में लेखांकन को विज्ञान और कला दोनों ही माना गया है। इसमें लेखांकन के क्षेत्र को, लेखों के आधार पर परिणाम निकालकर इनका विश्लेषण एवं व्याख्या करके व्यक्तियों तक पहुँचाना शामिल करके विस्तृत कर दिया गया है।
लेखांकन का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions of Accounting) : Fast Revision
- वित्तीय स्वभाव के सौदों (या लेन-देनों) को क्रमबद्ध रूप में लेखाबद्ध करने, उनका वर्गीकरण करने, सारांश तैयार करने एवं उनको इस प्रकार प्रस्तुत करने से है जिससे उनका विश्लेषण (Analysis) व निर्वचन (Interpretation) हो सके।
- लेखांकन में सारांश का अर्थ तलपट (Trial Balance) बनाने से है और विश्लेषण व निर्वचन का आधार अन्तिम खाते (Final Accounts) होते हैं जिनके अन्तर्गत व्यापार खाता, लाभ-हानि खाता तथा चिट्ठा/स्थिति-विवरण या तुलन-पत्र (Balance Sheet) तैयार किए जाते हैं।
- लेखांकन को विज्ञान और कला दोनों ही माना गया है।
- लेखांकन मुख्यतः वित्तीय स्वभाव वाले व्यावसायिक व्यवहारों और घटनाओं के लिखने एवं वर्गीकरण करने का विज्ञान है और इन व्यवहारों व घटनाओं का महत्वपूर्ण सारांश बनाने, विश्लेषण करने, उनकी व्याख्या और परिणामों को उन व्यक्तियों को प्रेरित करने की कला है जिन्हें उनके आधार पर निर्णय लेने हैं।
हमे आशा है की आपको यह लेख ( लेखांकन का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions of Accounting) ) पसंद आया होगा तथा आपको अपने पढाई में कुछ सहायता अवश्य मिली होगी।
Basic Salary Gross Salary Net Salary क्या है और वेतन की गणना कैसे करें?
आपमें से ज्यादातर लोग अपनी पढाई पूरी करने के बाद नौकरी के तलाश में लग जाते हैं। किसी को जल्दी तो किसी को देर सवेर नौकरी मिल ही जाती है। नौकरी Join करने के एक महीना पूरा होने के बाद बैंक खाते में Salary आ जाती है। जिसके साथ सैलरी स्लिप भी मिलता है। जिसके बाद आप जरुर जानना चाहेंगे कि Basic Salary, Gross Salary, Net Salary क्या है और वेतन की गणना कैसे करें?
Basic Salary Gross Salary Net Salary क्या है?
आज भी कई जगह जहां ओउटसोर्सिंग या ठेका पर काम करवाया जाता, वहां तो शायद ही किसी को अकाउंट में सैलरी दी जाती हो। मगर कानून के अनुसार अकाउंट नहीं तो चेक से सैलरी भुगतान का नियम है. अगर आपको सैलरी स्लिप नहीं देते तो आप मांग कर सकते हैं। आज इस लेख की माध्यम से हम उसी Salary Structure के अवयव (Component) की बात करने जा रहें हैं। उम्मीद करूंगा कि इसको पूरा पढ़कर लाभ उठायेंगे।
सभी नौकरी पेशा लोगों ने Salary Slip देखा ही होगा। ऊपर दिए गए सैलरी के नमूना से सैलरी Structure को समझने में आसानी होगी। इस सैलरी स्लिप से बहुत से हेड नहीं है। आजकल ठेका या आउटसोर्स वर्कर को इसी तरह का सैलरी स्लिप देने का चलन है। हम सैलरी के मुख्य सभी Components के बारे में चर्चा करेंगे, तो आइये एक-एक कर जानते हैं।
‘वेतन’ का मतलब क्या है? (What does ‘Salary’ Mean?)
हम Salary (वेतन) उस राशि को कहते है जो किसी भी कंपनी द्वारा उसके कर्मचारी को काम के बदले दिया जाता है। इस वेतन की राशि में सैलरी के सारे Components मौजूए होते हैं। कम्पनी अपने इंटरव्यू और टेस्ट के माध्यम से अलग-अलग पद के लिए योग्यता के अनुसार कर्मचारियों की नियुक्ति करता है। इसके साथ ही उनको उनके काम और योग्यता के आधार पर तय राशि सैलरी के रूप में देता है।
Salary शब्द लैटिन शब्द ‘Salarium’ से उत्पन्न हुआ है। पहले रोमन सैनिक को उनके काम के बदले नमक दिया जाता था।मगर जब अधिकारियों को नमक के परिवहन और संरक्षित करने में दिक्कत आने लगी तो वो वस्तु के बदले पैसे की पेशकश करने लगे। काम के बदले प्राप्त धन को ‘Salarium’ या नमक-धन के रूप में संदर्भित किया गया। जिसे आधुनिक अंग्रेजी में ‘वेतन’ के रूप में जाना जाने लगा।
बेसिक सैलरी यानी मूल वेतन क्या है? (What is Basic Salary)
आपकी असली आय मूल वेतन (Basic Salary) ही है। यह वह वेतन है जो किसी भी कर्मचारी को उसके योग्यता और काम के आधार पर कम्पनी द्वारा दिया जाता है। दूसरे शब्दों में बेसिक वेतन एक नियत राशि है जो किसी भी कम्पनी द्वारा कर्मचारियों द्वारा किये गए कार्य के लिए भुगतान किया जाता है। Basic Salary कम्पनी द्वारा दिए गए बोनस, लाभ या किसी भी अन्य मुआवजे में शामिल नहीं है।
मूल वेतन (Basic Salary) कम्पनी द्वारा दिए गए बोनस, लाभ या किसी भी अन्य मुआवजे में शामिल नहीं होता है। बेसिक वेतन सालाना इंक्रीमेंट देकर कई कंपनियों द्वारा बढ़ाया भी जाता है मगर ऐसा जरुरी नहीं है। कोई भी कम्पनी अपने एम्प्लाइज को पद के अनुरूप ही वेतन या बेसिक वेतन तय करती है। अब जैसा कि नाम से पता चलता है, Basic Salary (बेसिक वेतन) एक कर्मचारी का मूल वेतन ही है। विशेषज्ञों के अनुसार, मूल वेतन उद्योग के प्रकार के अनुसार अलग-अलग होता है। ऊपर के सैलरी स्लिप में एम्प्लोयी का बेसिक सैलरी यानी मूल वेतन 18,000 मासिक दिखाया गया है।
Basic Salary (मूल वेतन) की गणना कैसे करें?
अगर आप अपने सैलरी स्लिप (वेतन पर्ची) में देखेंगे तो आपको दो कॉलम मिलेंगे। एक Payment तो दूसरा Deduction. इसमें Payment का मतलब कम्पनी से जो राशि आपके लिए तय की गई है और Deduction का मतलब, आपके पेमेंट से की गई कटौती जैसे पीएफ, ईएसआई, टैक्स इत्यादि है।
आपके वेतन के Payment ऑप्शन में मुख्य रूप से तीन मद होते हैं-
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1. मूल वेतन (Basic Pay)
2. ग्रेड वेतन (Grade Pay)
3. महंगाई भत्ता (D.A.)
मगर इसके आलावा वेतन में कुछ अतिरिक्त मद भी शामिल हो सकते हैं –
6. विकलांग भत्ता ( Handicapped Allowance) ( निशक्त कर्मचारियों के लिए )
7. Etc.Basic Salary आपके Monthly CTC के लगभग 30-40% हो सकता है.
ऊपर जो उदहारण के लिए जो सैलरी स्लिप दिया है। उसमें Basic में ही DA (महंगाई भत्ता) जोड़ा हुआ है।
आपके वेतन से DA और HRA का फार्मूला –
Basic Salary और Gross Salary में क्या अंतर है?
Basic Salary किसी कम्पनी या नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को दिया गया वह वेतन दर है। जिसमे ओवरटाइम या किसी भी अन्य प्रकार का अतिरिक्त क्षतिपूर्ति राशि शामिल नहीं है। जबकि Gross Salary (सकल वेतन) आधारभूत विश्लेषण क्या है कर्मचारी के हरेक तरह के कर या अन्य कटौती से पहले की राशि है और इसमें ओवरटाइम वेतन और बोनस शामिल है। उदाहरण के लिए अगर किसी कर्मचारी का के पास रुपये का Gross Salary (सकल वेतन) 40,000 है। जिसमे उसका Basic Pay (बुनियादी वेतन) 18,000 रुपये है। इसमें उसको अन्य भत्तों जैसे हाउस किराया भत्ता, वाहन,के अतिरिक्त 18,000 रुपये का वेतन मिलेगा।
Basic Salary, Gross Salary, Net Salary क्या है और वेतन की गणना कैसे करें?
Net Salary/ In hand Salary क्या है?
कर्मचारी के Gross Salary (सकल वेतन) से पीएफ, ईएसआई, टेक्स व् अन्य वैधानिक कटौती के बाद जो शुद्ध वेतन शेष बचता है। उनको ही Net Salary/ In hand Salary कहते हैं। Net Salary ही कर्मचारी का Take Home Salary है। जो कि कम्पनी द्वारा हर महीने कर्मचारी के अकाउंट में क्रेडिट किया जाता है।
Balance Sheet
Balance Sheet ऐसा वित्तीय विवरण है जो कंपनी की संपत्ति, उसकी देनदारियों और शेयरधारकों द्वारा निवेश की गई राशि की झलक दिखाता है।
कौन तैयार करता है बैलेंस शीट
कंपनी के आकार के हिसाब से विभिन्न पार्टियां बैलेंस शीट तैयार करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। छोटे निजी व्यवसायों के लिए बैलेंस शीट मालिक या कंपनी के बुककीपर द्वारा तैयार किया जा सकता है। मिड साइज की निजी कंपनियों के लिए बैलेंस शीट आंतरिक रूप से बनवाया और बाद में बाहरी अकाउंटैंट को दिखलाया जा सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिए पब्लिक अकाउंटैंट द्वारा बाहरी ऑडिट कराये जाने की आवश्यकता पड़ती है और यह भी सुनिश्चित करना पड़ता है कि बही खाते का मानक काफी ऊंचा रखा जाए। सार्वजनिक कंपनियों की बैलेंस शीट और अन्य फाइनेंशियल स्टेटमेंट को अनिवार्य रूप से जीएएपी के अनुरूप तैयार करना तथा इसे नियमित रूप से सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) के पास फाइल करना पड़ता है।
ट्रेंड लाइन के आधार पर कैसे समझें निवेश का पैटर्न?
ट्रेंड लाइन एक प्रकार का तकनीकी संकेत है, जो दर्शाता है कि शेयर का भाव किस दिशा में जा आधारभूत विश्लेषण क्या है रहा है.
तुलनात्मक रूप में सपाट ट्रेंड लाइन दर्शाती है कि शेयर का बर्ताव सामान्य है और वह समान रुझान लंबे समय तक जारी रख सकता है.
जब बाजार में तेजी हावी होती है और यह अगली गिरावट का आधार तय करती है, तो ऐसी स्थिति में ट्रेड लाइन ऊपर बढ़ने के साथ-साथ हमेशा सपोर्ट स्तर प्रदान करती है, जो समय के साथ बदलता रहता है. इस स्थिति में ऐसी ट्रेंड लाइन के करीब की कीमतों पर खरीदारी करना फायदेमंद रहता है.
हालांकि, यदि सपोर्ट स्तर पार हो जाता है तो गिरावट दर्ज की जा सकती है. ऐसे में कारोबारियों को इसी ट्रेंड लाइन पर अपनी स्टॉप लॉस कीमत निर्धारित करनी चाहिए. इसी प्रकार गिरावट के हावी रहने पर सपोर्ट स्तर की जगह रेसिस्टेंस दर्ज किया जाता है. निवेशकों को इस दौरान बिक्री करनी चाहिए.
एक खास बात है कि कारोबारियों को वॉल्यूम को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ट्रेंड लाइन पर किस कीमत पर क्या वॉल्यूम रहता है, यह आंकलन आपको कई बातें समझा सकता है. अमूमन अधिक वॉल्यूम का अर्थ होता है कि शेयर का मौजूदा दौर (तेजी या कमजोरी) जारी रहने वाला है.
यदि ट्रेंड लाइन टूट जाए तो
यदि किसी शेयर की ट्रेंड लाइन टूट जाती है या खंडित हो जाती है, तो माना जाता है कि उस शेयर से निवेशकों की उम्मीद बदल गई है. गिरावट दर्शा रही ट्रेंड लाइन का टूटने का अर्थ है कि शेयर खरीदारी के संकेत दे रहा है और तेजी दिखाने वाले ट्रेंड लाइन टूटने का अर्थ है कि शेयर को बेचना बेहतर होगा.
दोनों ही मामलों में स्टॉप लॉस रखना चाहिए. इस तरह के मामलों में भी वॉल्यूम काफी महत्वपूर्ण हो जाती है और हलचल तब अधिक होगी जब ट्रेंड लाइन टूटने के साथ वॉल्यूम में भी इजाफा हो.
ट्रेंड लाइन से जुड़े एंगल
यदि किसी शेयर की ट्रेड लाइन में एकाएक तेजी देखने को मिलती है, तो इसका अर्थ है कि वह शेयर ऊफान पर है. यह भी संभव है कि शेयर की तेजी ज्यादा समय तक जारी न रहे. इसे एक उदाहरण के साथ समझते हैं.
दिए गए चार्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज की ट्रेंड लाइन है. लाल निशान वाली ट्रेंड लाइन दिखा रही है कि शेयर में एकाएक तेजी आई है, मगर कुछ ही समय बाद यह फिसल गया, मगर शेयर की थोड़ी-बहुत तेजी जारी रहे.
दूसरी तरफ, तुलनात्मक रूप में सपाट ट्रेंड लाइन दर्शाती है कि शेयर का बर्ताव सामान्य है और वह समान रुझान लंबे समय तक जारी रख सकता है. इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चार्ट में हरी रेखा पर गौर करें.
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Swot Analysis In Hindi | स्वॉट विश्लेषण क्या है?
स्वॉट विश्लेषण याने Swot Analysis का श्रेय Albert Humphrey को जाता है, जिन्होंने 1960 और 1970 के दशक की शुरुआत में स्टैनफोर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट (SRI) में यह दृष्टिकोण विकसित किया था। इस स्वॉट विश्लेषण का व्यक्ति, संगठन, व्यावसायिक या प्रकल्प में ताकत, कमजोरियों, अवसरों और खतरों को उजागर करने और पहचानने के लिए उपयोग किया जाता है।
What Is Swot Analysis In Hindi? - Swot Analysis क्या है?
Swot Analysis याने स्वॉट विश्लेषण यह एक तकनीक है, जिसका उपयोग व्यक्ति, संगठन, व्यावसायिक, शैक्षणिक समुदाय या प्रकल्प में प्रतिस्पर्धा या परियोजना नियोजन से संबंधित Strength(ताकत ), Weaknesses(कमजोरी), Opportunities(अवसर) और Threats(खतरा) को मूल्यांकन करने, उजागर करने और पहचानने के लिए किया जाता है।
स्वॉट विश्लेषण तकनीक से हम व्यक्ति, संगठन, व्यवसाय या किसी भी शैक्षणिक समुदाय के आंतरिक और बाहरी विचारों, घटकों या कारकों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है, जिससे उनका मूल्यांकन करने में हमें आसानी होती है। इसके अनुसार हम अपने दोष को सुधारने के लिए नए नए तंत्र और प्रक्रिया को उजागर कर सकते हैं, और आप अपने आप को आंतरिक चुनौतियों और बाहरी अवसरों के लिये तैयार करते हैं।
SWOT Analysis Full Form
Swot Full Form: Strengths, Weaknesses, Opportunities, and Threats analysis
Meaning Of Swot Analysis In Hindi - Swot Full Form In Hindi
यह SWOT शब्द चार अलग अलग अक्षर को जोड़ कर बनाया गया है, जिसका हमने निचे विश्लेषण किया है:
- S: Strength (ताकत, सामर्थ्य)
- W: Weaknesses (कमजोरी)
- O: Opportunities (अवसर)
- T: Threats (खतरा)
Swot Analysis के उद्देश्य - Internal and external factors
स्वॉट एनालिसिस याने स्वॉट विश्लेषण का उद्देश्य आंतरिक और बाह्य कारकों की पहचान करना है, जो किसी भी संस्था या संगठन को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होता हैं। यह स्वॉट विश्लेषण संस्था, संगठन या व्यवसाय की मूल्य श्रृंखला के भीतर से आते हैं।
SWOT समूह दो मुख्य श्रेणियों में डाले जाते हैं, जो 'Internal factors(आंतरिक कारक)' और 'External factors(बाह्य कारक)' है:
- Internal factors (आंतरिक कारक): शक्तियां और कमजोरियां जो एक संगठन के लिए आंतरिक है।
- External factors (बाह्य कारक): बाहरी वातावरण द्वारा प्रस्तुत अवसर, चुनौतियाँ और खतरे।
संस्था, संगठन, व्यावसायिक, शैक्षणिक समुदाय या प्रकल्प के उद्देश्यों और उनके प्रभाव के आधार पर आंतरिक कारकों को शक्ति या कमजोरियों के रूप में देखा जा सकता है। इन कारकों में कर्मचारी वर्ग, वित्तीय, विनिर्माण क्षमताएं और कई अन्य भी शामिल हो सकते हैं। बाह्य कारकों में सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन, व्यापक आर्थिक मामले, तकनीकी बदलाव, विधान के साथ ही साथ बाजार एवं प्रतियोगी स्थिति में परिवर्तन शामिल हो सकते हैं।
Swot Analysis के फायदे, लाभ - Importance Of Swot आधारभूत विश्लेषण क्या है Analysis In Hindi
- Swot Analysis से हम अपनी ताकत, कमजोरी, अवसरों और चुनातियों को पहचानने में मदद कर सकते है।
- स्वॉट विश्लेषण तकनीक से अपने या संगठन के आंतरिक और बाहरी घटकों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है।
- यह कमजोरी को बताता है, जिससे हमें अपनी कमजोरी को पहचानने और उसे तुरंत सुधारने में मदद होती है।
- नए नए चुनौतियों को सामने रखता है, जिससे हम अपने आप को तैयार करके नए तकनीक और प्रक्रिया को अपनाते हैं।
- Swot Analysis Technique यह किसी संगठन, संस्था या ग्रुप को प्रभावी बनाने में काफी मदद करता हैं, जो की किसी भी स्टार्टअप बिज़नेस के लिए काफी उपयोगी होता हैं।
SWOT Anyalsis कैसे लागु करे?
- SWOT विश्लेषण के उद्देश्य पर निर्णय लें।
- अपने संस्था के लिए जोखिम प्रबंधन योजना तैयार करने का तरीका जानें।
- अपने संगठन, व्यवसाय, उद्योग और बाजार पर शोध करें।
- व्यवसाय की खूबियों को सूचीबद्ध करें।
- अपने संगठन, व्यवसाय, उद्योग की कमजोरियों को सूचीबद्ध करें।
- संभावित अवसरों की सूची बनाएं।
- संभावित खतरों की सूची बनाएं।
- SWOT में मुद्दों को हल करने के लिए एक रणनीति विकसित करें।
Swot Analysis याने स्वॉट विश्लेषण यह संस्था, संगठन, व्यावसायिक, शैक्षणिक समुदाय या प्रकल्प को अपने लक्ष्यों को हासिल करने में और योग्य बनाने के लिए, रणनीति और योजनाओं को विकसित करने के एक हिस्से के रूप में काम करता है और यह तकनीक पर्यावरण और व्यापार कारकों को आधारभूत विश्लेषण क्या है विश्लेषण और मूल्यांकन के लिए एक आधार के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
Swot Analysis के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - FAQ
1. स्वॉट विश्लेषण क्या है?
Swot analysis या स्वॉट विश्लेषण एक रणनितिक योजना है जो व्यवसाय और संगठन के विपणन और प्रबंधन के लिए काफी उपयोगी होती है।
2. स्वॉट विश्लेषण का क्या उपयोग है?
स्वॉट विश्लेषण (SWOT Analysis) का उपयोग किसी भी प्रकार के संगठन के सामर्थ्य, कमजोरियों, अवसरों और खतरों का मूल्यांकन करने, प्रकाश डालने और पहचान करने के लिए किया जाता है।
3. Swot का क्या अर्थ है?
Swot का अर्थ S: Strength (ताकत, सामर्थ्य), W: Weaknesses (कमजोरी), O: Opportunities (अवसर), T: Threats (खतरा) होता है, और यह SWOT Analysis शब्द 1960 के दशक में अल्बर्ट हम्फ्री द्वारा गढ़ा गया था।
4. स्वॉट विश्लेषण को आधारभूत विश्लेषण क्या है कैसे लागु करे?
स्वॉट विश्लेषण के उद्देश्य पर निर्णय लें, संगठन, व्यवसाय, उद्योग और बाजार पर शोध करें, व्यवसाय की खूबियों और कमजोरियों को सूचीबद्ध करें, संभावित अवसरों और खतरों की सूची बनाएं और Swot तकनीक में इन मुद्दों को हल करने के लिए एक रणनीति बनाये।
5. Swot Analysis का क्या महत्व है?
Swot Analysis से किसी भी संगठन की शक्ति, कमजोरी, अवसरों और चुनातियों को पहचानने में काफी मदद कर सकती है और हमें अपनी कमजोरी को पहचानने और उसे तुरंत सुधार में मदद होती है।
तो दोस्तों यह थी Swot Analysis in Hindi, स्वॉट विश्लेषण क्या है? swot analysis full form, SWOT के उपयोग और फायदे लाभ, इत्यादी की जानकारी। आपको यह जानकारी कैसी लगी यह हमें कॉमेंट्स करके बताये और यह पोस्ट अपने दोस्तों में जरुर शेअर करे।
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